दहेज़ एक अभिश्राप || Dowry System is The curse For Our Society ||


भारत देश में लड़कियों को लक्ष्मी और देवी के रूप में भी माना जाता है लेकिन कई बार उन लड़कियों की बिना वजह से मार दिया जाता है ऐसा इसलिये क्युकी वह अपने घर से ससुराल में दहेज (या मोती रकम ) ना ले जाने के कारण उनको अपनी जान भी देनी जाती है। भारत देश में हर 90 मिनट में एक लड़की की दहेज ना मिलने के कारण हत्या कर दी जाती है। कई बार तो उस लड़की के ससुराल वाले लड़की इतना प्रताड़ित (torture) करते है लड़की खुद अपने आप अपनी जान देती है। 

दहेज प्रथा कब और कहां से शुरू हुई

दहेज प्रथा का इतिहास

वैदिक काल में दहेज़ प्रथा  स्थिति :-

यदि हम बात करें दहेज प्रथा के बारे में तो  वैदिक काल (Post vedic period) में दहेज प्रथा का कोई मान्यता नहीं  दिया जाता था  उस समय में लड़की वाले अपने ख़ुशी से लड़के वालो को शादी के समय पर  कुछ चीजें उपहार में देते थे लेकिन उस समय उनसे उन कुछ चीजें नहीं  मांगी जाती थी उस समय में लड़की का पिता अपनी मर्जी से  कोई भी चीज उपहार में लड़के को दे देता था लेकिन वह उसकी खुद की मर्जी होती थी और आज के समय में लड़की के पिता की मर्जी नहीं चलती है यहां लड़के वाले दहेज़ के लिए मनमानी  करते है। 

मध्य काल में दहेज़ प्रथा  स्थिति :-

अगर हम इस समय की बात करे तो दहेज बिल्कुल वैदिक काल(Post Vedic Period) की तरह ही होता था इस समय में लड़की का पिता अपनी  इच्छा के अनुसार अपने घर से बेटी को तोहफे(as Gift ) में कुछ चीजें देकर विदा करता था इस समय में जो उपहार के रूप में लड़की का पिता अपनी बेटी को देता था लेकिन वह चीज इसलिए भी दी जाती थी ताकि बुरे समय में उसके पति और उसके घरवालों को वह चीजें काम में आ सके। इसे भी लड़की का पिता अपनी इच्छा से ही देता था। 

आधुनिक काल में दहेज़ प्रथा  स्थिति :-

आज के समय में लड़को वालो के तरफ से धन दौलत पैसा गाड़ी या कुछ भी दूसरा समान बहुत दबाव देकर बेटी वालों मांगा जाता है और अगर कई बार किसी गरीब लड़की के घरवाले किसी लड़के को अपनी मजबूरी के कारण यह चीज नहीं दे पाते हैं तो लालची लड़के वाले दहेज़ के लिए लड़की को प्रताड़ित करते है।   

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दहेज़ के कारण होने वाली महिलओं मृत्यु के डाटा निम्न दिए गए है :-

1997 में एक रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक वर्ष में 5000 महिलाओं की मौत सिर्फ दहेज के कारण होती है उन्हें जिंदा जला दिया जाता है या वह खुद अपने आप को मौत के हवाले कर देती है :-
  1. रिपोर्ट के अनुसार हर 60 से 90 मिनट के बीच मेंभारत देश में एक लड़की की मृत्यु कारण दहेज बनता है। 
  1. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के अनुसार 2007 से लेकर 2011 के बीच दहेज के कारण सबसे ज्यादा लड़कियों की मौत  हुई। 
  1. 2012 में भारत में विभिन्न राज्यों में दहेज  के कारण 8,233 मामले सामने आए और अगर हम इन आकड़ो का अनुमान लगाए तो इसका मतलब ये हुआ की  प्रत्येक 1 घंटे में एक महिला को दहेज के कारण मौत की बलि चढ़ी। 

दहेज को ज्यादा बढ़ावा देती है ये चीजे  :-

कई बार इन चीजों में लड़की के माता-पिता का भी हाथ बहुत ज्यादा होता है क्योंकि अगर किसी लड़की में कोई कमी है तो उसके मां-बाप बस यही सोचते हैं कि हम दहेज़ देकर अच्छे लड़के से शादी कर देंगे अपनी बेटी की। जिससे लड़को वालो का मन बढ़ने लगता है। 
और कई बार समाज के कारण भी आसपास के लोग या उसके रिश्तेदार यह बोलते हैं कि लड़की शादी में क्या लेकर आई है जिससे लड़को वालो को बुरा लगता है और वे लड़की को दहेज़ के लिए प्रताड़ित करने लगते  है। 

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दहेज़ रोकने के कुछ उपाय अवश्य पढ़े :-

1.आज की युवा पीढ़ी को अपनी मानसिक विचारधारा को बदलना चाहिए और दहेज़ को लोगो की छोटी मानसिकता समझकर विरोध करना चाहिए।

3.और सरकार को दहेज़ प्रथा के खिलाफ और सख्त कानून लागू करना चाहिए जिससे लोगो के मन में एक डर बना रहे की अगर वो दहेज़ लेंगे तो उनको सजा भी हो सकती हिअ।

4. फिल्म और TV सीरियल के माध्यम से दहेज़ प्रथा का विरुद्ध और लोगो जागरूक करना चाहिए।

दोस्तों युवा चाहे तो दहेज़ प्रथा को धीरे धीरे खत्म कर सकते है तो पहल की ?
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